आरबीआई ने इस बार उम्मीदों के विपरीत रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया। यानी लोन अभी और सस्ते नहीं होंगे। मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के सभी 6 सदस्यों ने ब्याज दरें स्थिर रखने के पक्ष में वोट दिया। केंद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी ग्रोथ अनुमान घटाकर 5% कर दिया है। पिछला अनुमान 6.1% का था। आरबीआई ने मौद्रिक नीति समीक्षा के लिए तीन दिन चली बैठक के बाद गुरुवार को फैसलों की जानकारी दी।
मौद्रिक नीति को लेकर अकोमोडेटिव नजरिया बरकरार
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि ब्याज दरों को स्थिर रखना अस्थाई कदम है। हम देखता चाहते हैं कि रेपो रेट में अब तक की गई 1.35% कटौती का कितना असर हुआ। अर्थव्यवस्था के लिए जब तक जरूरी होगा मौद्रिक नीति को लेकर अकोमोडेटिव आउटलुक रखा जाएगा। इसका मतलब ये हुआ कि रेपो रेट में आगे कटौती संभव है। आरबीआई की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (एमपीसी) की अगली बैठक 4-6 फरवरी को होगी। आखिरी दिन फैसलों का ऐलान किया जाएगा।